APPEAL पत्रकारों की सुरक्षा, छ.ग. सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून शुरु किया जाएगा,जिसमे यह मांग जरूर रखे,पूरा पढ़े…

छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ राज्य मे आये दिन पत्रकार साथियों के साथ कुछ ना कुछ अजीब घटना सामने आ ही जाती है, जो आप सभी को सुनने ओर देखने को मिलता है, वर्तमान मे आप सभी को ज्ञात होगा की बस्तर के पत्रकार साथी स्व. मुकेश चंद्राकर भाई की हत्या कर दी गयी ओर उनका लाश सेप्टीक टैंक से बरामद हुआ जो की बेहद निंदनीय है,
पत्रकार साथियो को पत्रकारिता करने के लिए अपना जान गवाना पढ़ रहा है जो की बहुत निंदनीय है,
भाई मुकेश चंद्राकर के हत्या के बाद वर्तमान भाजपा के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा किया है की छत्तीसगढ़ मे जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा , अब देखते है वह कब लागू होगा ओर उसमे पत्रकार साथियों की क्या सुरक्षा होगी,
मेरा पत्रकार साथियो से निवेदन है की – छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून लागु किया जाएगा तो कृपया इस बात का ध्यान अवश्य दे-
कई जाँबाज़ पत्रकार साथी है जो अपनी जान पर खेल के ऐसे कई भ्रष्टाचार को उजागर करते है उनसे अनुरोध है कि पत्रकार सुरक्षा क़ानून में हथियार रखनें के लाइसेंस का भी उलेख करवाइए और जब भी कोई ऐसी विपरीत परिस्थिति आए तो ऐसे भ्रष्टाचारियों को तुरंत ही मुँह तोड़ जवाब दें ओर् इससे हमारी सुरक्षा हों सके 🙏
जय हिंद, जय जोहार, जय छत्तीसगढ़ 🙏
इंक़लाब ज़िंदाबाद
पत्रकारों की सुरक्षा
प्रेस की आज़ादी और स्वतंत्र मीडिया पर लगातार ख़तरा मंडरा रहा है। दुनिया भर में पत्रकारों को उनके काम के लिए परेशान किया जाता है, धमकाया जाता है और उन पर हमला किया जाता है। स्वतंत्र मीडिया के अस्तित्व के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण बनाना एक बुनियादी ज़रूरत है। यह ज़रूरी है कि पत्रकार हिंसा और बाधा से मुक्त होकर अपना काम कर सकें।
दुनिया भर में पत्रकारों के खिलाफ़ अपराधों के लिए लगातार बढ़ती हिंसा और दंड से मुक्ति ने सुरक्षा को हमारे मुख्य विषयगत कार्यक्रमों में से एक बना दिया है,
जबकि संकट प्रतिक्रिया के मामले में हमारे काम में सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
रोकथाम
पत्रकारों पर हमलों को रोकने और कम करने में कानून प्रवर्तन एक बड़ी भूमिका निभाता है। प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अच्छे कानून का होना एक अच्छा पहला कदम है। इसे पूरा करने के लिए वकालत एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है। हम सक्रिय रूप से उन लोगों को प्रोत्साहित करते हैं जो प्रेस की स्वतंत्रता को राजनीतिक एजेंडे में उच्च स्थान पर रखने और ठोस कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार हैं।
मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन
फ्री प्रेस अनलिमिटेड को पत्रकारिता में मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहायता (PSS) बहुत ज़रूरी लगती है, क्योंकि अक्सर मीडिया कर्मियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है , दर्दनाक सामग्री को कवर करना पड़ता है और अनिश्चित परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करना पड़ता है , जिससे अक्सर उच्च तनाव, अवसाद और बर्नआउट होता है।
सुरक्षा
बेशक आदर्श यह है कि पत्रकारों पर हमलों को रोका जाए। दुर्भाग्य से, यह वास्तविकता नहीं है। जिन्हें अपने काम के कारण उदाहरण के लिए (ऑनलाइन) उत्पीड़न, धमकी, कानूनी कार्यवाही या हिंसा का सामना करना पड़ा।
मीडिया स्वतंत्रता त्वरित प्रतिक्रिया
मीडिया फ्रीडम रैपिड रिस्पांस (MFRR) कंसोर्टियम यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और उम्मीदवार देशों में प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता के उल्लंघन पर नज़र रखता है, निगरानी करता है और प्रतिक्रिया करता है। यह परियोजना पत्रकारों और मीडिया कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानूनी और व्यावहारिक सहायता, सार्वजनिक वकालत और जानकारी प्रदान करती है। यह परियोजना 2020 में शुरू हुई और यूरोपीय आयोग द्वारा सह-वित्तपोषित है।
छत्तीसगढ़ मे आये दिन घटना देखने को मिल ही जाती है जिसमे चाक़ूबाजी,हत्या,आत्महत्या,डकैती,चोरी,लूटपाट, एक्सीडेंट,दुष्कर्म,मारपीट इत्यादि किसी न किसी के साथ रोज होता है, सरकार को इस विषय पर चर्चा करके ठोस कदम उठाना चाहिए,
जब छत्तीसगढ़ मे देश के चौथे स्तम्ब कहे जाने वाले पत्रकार साथी सुरक्षित नही है तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेंगे,
इन सभी बातो ओर अन्य मुख्य बिन्दुओ को ध्यान देकर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना चाहिए🙏